Monday 9 April 2018

खदेरन की बक-बक : Himanshu Kumar7 April at 14:52 · #खदेरन#भुई_लोट...

खदेरन की बक-बक : Himanshu Kumar7 April at 14:52 ·

#खदेरन
#भुई_लोट...
: Himanshu Kumar 7 April at 14:52  ·  #खदेरन # भुई_लोटन_का_बियाह खदेरन बाबू सवेरे सवेरे ओसारा में बै...

खदेरन की बक-बक : Himanshu Kumar7 April at 14:52 · #खदेरन#भुई_लोट...

खदेरन की बक-बक : Himanshu Kumar7 April at 14:52 · 

#खदेरन
#भुई_लोट...
: Himanshu Kumar 7 April at 14:52  ·  #खदेरन # भुई_लोटन_का_बियाह खदेरन बाबू सवेरे सवेरे ओसारा में बै...

परिस्थितयों के बाप



खदेरन बाबू सवेरे सवेरे ओसारा में बैठ के खैनी चुनिया रहे थे, देश के दुर्दशा पर मने मने अप्पन ससुराल बाला सब को कोस रहे थे।
इतने में देखें भूइलोटन हरियर हाफ पैंट और पियर जर्सी पहिने गेंदा फूल बनल चलल आ रहा था।
पाहिले त सकुचाये कंही पगलवा लतियावे त न आ रहा है, काहे की भुईलोटन के बाप जेल गिया था त खदेरन बाबू रहस रहस के मजा लिए थे।
भूइलोटन के बाप लपेटन प्रसाद 2 टर्म मुखिया थे पंचायत की माई 1/2 टर्म।
अपना राज में खूब माल लपेटे थे ,राशन किराशन, चोकर-खल्ली सब टाइप के घोटाला किये रहे।
अईसन समझिये 7 नहीं 76 पुस्त का जोगाड़ कर लिए थे।
खैर ओसारा में घुसते बेटा लोटन साहेब बन्दगी के साथ चरण लपेटन किया मुस्कुराते हुए।
अइसन देख खदेरन बाबू फेर अपन औकाद में आते हुए बोले,
का बेटा साहेब का बात आज बहुत अंगड़ाई पर अंगड़ाई ले रहा है क्या मियाज ठीक है न।
लोटन खुसी से चौड़ा होते हुये बोले न चाचा कोनो बात नहीं,
जेब से रजनीगंधा, तुलसी के मोटका पाउच निकलते हुए बोला , का चाचा ई खैनी तैनी खाते है ई लीजिये रजनीगंधा चूसिये।
खदेरन बाबू पाउच झटकते बोले अरे बेकार बेटा ई सब लाया । जबसे तोहरे बाऊजी भीत रामपुर गए है मने नही लगता। बोलो कैसे याद आये चाचा।
लोटन :-शरमाते हुए उ का है का कि चाचा हम्मर बियाह ठीक हो गिया है,
खदेरन :- अरे ई त खुसी के बात है ये पर त जिलेबी बाटे के चाही।
लोटन :- जिलेबी का चाचा रसमधुरी रसमलाई चली ,
बाक़ी एगो प्राइवेट बात है।
कहो ! कहो! बेटा हिचकिचाओ नहीं हम त हइये है गुप्त रोग विषज्ञय तोहर मामू और मौसी सब का इलाज हमहि न किये थे , ईश्वर के कृपा से सब को बाल बच्चा हुआ।
लोटन धीरे से आई फोन 10 निकालते हुए बोला उ बात न है चाचा , सवेरे से हम्मर माई के होये बाली पुतोहिया 31 गो फोटो और 46 को मैसेज अंग्रेजी में भेजी है।
खैर फोटो के जबाब में त हमहू 61/62 गो फोटो भेज दिए है, भैंसिया ,गैय्या, फूल पत्ती सब का लेकिन एगो अग्रेजी शायरी हिंदी में भेजने के लिए कह रही थी, काहे की उ होस्टल में रहके पढल वा नू।
सहेली सब पर इम्प्रेसन भी जमाना होगा।
चाचा तीन चार गो भेजे लेकिन लोटन और लोटन के होये बाली के उप्पर से निकल गया ।
फेर जैसेही टाइप किए
"" तेरे गोल्डन फेस की ब्यूटी ने , मेरा जेंटलहार्ट तोड़ दिया""
व्हेन तुमसे मेरा मैरिज सेट हुआ, आई एम भुइलोटन नाईट स्लीपिंग छोड़ दिया""
जैसेही मैसेज रीड हुआ कि वाह वाह वाला मैसेज से मोबाइल नहा गया लोटन का भी मिज़ाज गदग्दा गया।
फेर से चरण पकड़ते हुये बोला, चाचा तू परिस्थितियों के मुखिया ही नहीं , परिस्थितियो के बापो हतहु !!
~~Himanshu kumar
7 April 2018
Himanshu Kumar updated his status.

हिदुस्तनियत से आगे निकलकर कश्मीरियत हावी हो गयी है।
समाजिक बैलेंस खत्म मममला शुरू तो सबसे जरूरी है समाजिक संतुलन बनाने की ।
बकि लाख जतन कर लो कुछ होनेवाला नई , करोड़ो लूटकर कश्मीरियो का तुम दिल नही जीत सकते।
ओर हा न पैलेटगन ओर एके -47 से अनन्तकाल तक झुका भी नही सकते।
ओर ह बेबकूफ/धूर्त कश्मीरी तुम भी पत्थर फेक कर या बम फोड़कर कुछ हासिल नही कर सकते ।
तो भइया ऐसा है की दोनो के विकल्प सीमित है इसलिये बात को बूझो ।
कश्मीर का हल ना नश्तर मे है ना मलहम मे !! सिर्फ ओर सिर्फ सामाजिक संतुलन मे है।समाजिक बनाबट चेंज किये बिना क ट्रोल नही कर सकते। सामाजिक बनाबट जैसे दिल्ली का है पटना का है पूरे हिन्दुस्तान का है। हर हिन्दुस्तानी नोकरी कर सके , जमीन खरीद सके । बस सके तभहि कुछ हो सकता है ओर एकमात्र समाधान है
वरना कश्मीरी अभिशप्त जिंदगी जीने मजबूर रहेंगे !! ना आजादी मिलेगी न जन्नत।
कल के भारत बन्द पर #खदेरन स्टाइल में सलाह,
अगर जरुरी है पगार कटने का डर तो 9 बजे के पहिले निकल जाइये।
नहीं तो मस्त सवेरे 9 बजे उठिये मंगल दिन है ,हिन्दू भाई नहा धोकर हनुमान चालीसा पढ़िए संकट मोचन के साथ,(मुसलमान भाई अपने अपने बेगम का बुरका साबुन से धोये उतना ही सबाब मिलेगा )
11 बजे चावल दाल पापड़ अँचार खाकर 12 से 3 एक सो सुतिये, फिर 4 बजे कलफदार पैजामा कुरता पहन कर भउजी साथै बाजार निकलिए ,
अपने पान खाइये भउजी के लिए लिपस्टिक खरीदिये !!
दिन में निकले मोटरसायकिल के हवा खोल दिया कोनो बुतरू वानर त फिर अपने आप सब बन्द हो जायेगा।
रहा बात कार बाला के त कोनो कोना एक ढेला पत्थर आया शीशा फूटा 12000 +E M I हिसाब जोड़ लीजियेगा !
दर दुकान में ग्राहक इतना धूप में दोपहर में आता नहीं है●●
बाक़ी हमारे जैसे लोग फेसबुक ,ट्वीटर, व्हाट्स पर मैसेज ठेलते रहेंगे
@kumarhimanshu83 -Tweeter
http://himanshu1974.blogspot.in/?m=1
9122940008 whatsapp

Saturday 20 May 2017

#खदेरन
थाना सीताराम डेरा के सामने से सिदगोड़ा जाने वाले रास्ते के कॉर्नर के पान दुकान से रजनीगंधा /तुलसी खरीद के पाउच फाड़ते जेसे पीछे मुड़ा कि खदेरन अवाक !! सामने एक हलकी सांवली महिला खड़ी थी एक 6/7 साल के बच्ची का हाथ पकड़े हुये ,
धक धक करते हुये कलेजे के साथ एकटक देखता रह गया उस बंग कन्या को . कुछ कुछ विशालकाय पूरे 5 महीने के प्रेग्नेंट औरत जैसी ओर 17 साल के मासूम चेहरे वाली 35 साल की सम्भ्रांत महिला को।
ध्यान भंग हुआ कोयल जैसी मधुर आवाज से तुम खदेरन ?! 
तंद्रा भंग होते आवाज निकली आ~ए~प्प प निरु ~~प्प पममा ....।
हलाकि इतना बोलने मे भी लिप प्लेट(होठ का ऊपरी हिस्सा) और कलेप्त फड़फड़ाने लगा था।
एक मुस्कान के साथ हा !! सुनते ही शरीर के तमाम मसामो मे टनो पसीना उगल दिया ।
एक हाथ मे रजनीगंधा का फटा पाउच पकड़े हुये पैंट सम्भलने लगा खदेरन।
कैसे हो तुम ? कंहा रहते हो ?? शादी हो गयी ???
भाभी जी कैसी है ??
जैसे आधा दर्जन सवाल
फिर एक और डिस्कृपसंन काफी यंग और स्मार्ट लग रहे हो ।
हा हा, हम तो बुढ़े हो गए कहते हुये हाथ और होठ कॉप रहे थे। (अचानक 25 साल पहले का समय गुजर गया खदेरन के सामने से फिर भी इतना भी नही बोल पाया तुम बहुत खूबसूरत हो , सौंदर्य की देवी )
किसी भावुक भक्त की भांति सिर्फ सुनता रहा , मिस्टर घोष यहो कम्पनी मे लेबर सूपरी ड़ेंटेंत है तुमलोग मे तो जल्दी शादी होती।है हम तो काफी मोटो गयी प्रेग्नेंसी के बाद आदि इत्यादि .....
अचानक संयत होते खदेरन बोल पड़ा कही जाना है ,
रुकना यांही अभी आते है दौड़ लगा दी अपने घर के तरफ ।
घर आते ही अपनी ललकि मारुति को पोंछने पिल पड़ा डस्टर लेकर, फिर ध्यान आया सामने खड़ी चम चमा ती छोटे भाई की क्रेटा का।
मोनू गाड़ी का चाभी लाओ , झपटते हुए चाभि काबू किया ,
फिर आईने मे खुद को देखा SरRर
अरे बाबा 3000 रुपये मीटर के पैंट पर बिना क्रिज के शर्ट पैर मे हवाई चप्पल। अकचका गीय खदेरन हालांकि कल इसी ड्रेस मे शहर के सबसे महंगे बार मे उसके मैनेजर को रगड़ के आया था ,
लेकिन आज अपने को हीन समझ रहा था। सुबह की बनाई शेव पुरानी लग रही थी।
खैर क्रेटा मोड़ने लगा लगा की सामने से 1989 मोडेल वेस्पा स्कूटर पर पिच्छे बइठल स्माइल देते निकल गए ~~|@?$-'
गुस्सा मे आग भेल गाड़ी को रोड पर घर मे घुसते , मोनुआ पर वरस पड़ा झ~?+×| टाइप के गाड़ी खरीद लिया है काटने मे 3 घण्टा लगता है।
चल जाके टिकट ले के आओ हमको नई रहना है बहूत जरूरी काम है

Tuesday 25 April 2017

खदेरन की बक-बक : न्याय की अवधारणा क्या है?क्या ईश्वरीय न्याय का अस...

खदेरन की बक-बक : न्याय की अवधारणा क्या है?
क्या ईश्वरीय न्याय का अस...
: न्याय की अवधारणा क्या है? क्या ईश्वरीय न्याय का अस्तित्व है अथवा पीड़ित/कमजोर के मन की सन्तुष्टी मात्र है ? सन्दर्भ :- आज सुबह सुबह अखबार ...