खदेरन बाबू सवेरे सवेरे ओसारा में बैठ के खैनी चुनिया रहे थे, देश के दुर्दशा पर मने मने अप्पन ससुराल बाला सब को कोस रहे थे।
इतने में देखें भूइलोटन हरियर हाफ पैंट और पियर जर्सी पहिने गेंदा फूल बनल चलल आ रहा था।
पाहिले त सकुचाये कंही पगलवा लतियावे त न आ रहा है, काहे की भुईलोटन के बाप जेल गिया था त खदेरन बाबू रहस रहस के मजा लिए थे।
भूइलोटन के बाप लपेटन प्रसाद 2 टर्म मुखिया थे पंचायत की माई 1/2 टर्म।
अपना राज में खूब माल लपेटे थे ,राशन किराशन, चोकर-खल्ली सब टाइप के घोटाला किये रहे।
अईसन समझिये 7 नहीं 76 पुस्त का जोगाड़ कर लिए थे।
खैर ओसारा में घुसते बेटा लोटन साहेब बन्दगी के साथ चरण लपेटन किया मुस्कुराते हुए।
अइसन देख खदेरन बाबू फेर अपन औकाद में आते हुए बोले,
का बेटा साहेब का बात आज बहुत अंगड़ाई पर अंगड़ाई ले रहा है क्या मियाज ठीक है न।
लोटन खुसी से चौड़ा होते हुये बोले न चाचा कोनो बात नहीं,
जेब से रजनीगंधा, तुलसी के मोटका पाउच निकलते हुए बोला , का चाचा ई खैनी तैनी खाते है ई लीजिये रजनीगंधा चूसिये।
खदेरन बाबू पाउच झटकते बोले अरे बेकार बेटा ई सब लाया । जबसे तोहरे बाऊजी भीत रामपुर गए है मने नही लगता। बोलो कैसे याद आये चाचा।
लोटन :-शरमाते हुए उ का है का कि चाचा हम्मर बियाह ठीक हो गिया है,
खदेरन :- अरे ई त खुसी के बात है ये पर त जिलेबी बाटे के चाही।
लोटन :- जिलेबी का चाचा रसमधुरी रसमलाई चली ,
बाक़ी एगो प्राइवेट बात है।
कहो ! कहो! बेटा हिचकिचाओ नहीं हम त हइये है गुप्त रोग विषज्ञय तोहर मामू और मौसी सब का इलाज हमहि न किये थे , ईश्वर के कृपा से सब को बाल बच्चा हुआ।
लोटन धीरे से आई फोन 10 निकालते हुए बोला उ बात न है चाचा , सवेरे से हम्मर माई के होये बाली पुतोहिया 31 गो फोटो और 46 को मैसेज अंग्रेजी में भेजी है।
खैर फोटो के जबाब में त हमहू 61/62 गो फोटो भेज दिए है, भैंसिया ,गैय्या, फूल पत्ती सब का लेकिन एगो अग्रेजी शायरी हिंदी में भेजने के लिए कह रही थी, काहे की उ होस्टल में रहके पढल वा नू।
सहेली सब पर इम्प्रेसन भी जमाना होगा।
चाचा तीन चार गो भेजे लेकिन लोटन और लोटन के होये बाली के उप्पर से निकल गया ।
फेर जैसेही टाइप किए
"" तेरे गोल्डन फेस की ब्यूटी ने , मेरा जेंटलहार्ट तोड़ दिया""
व्हेन तुमसे मेरा मैरिज सेट हुआ, आई एम भुइलोटन नाईट स्लीपिंग छोड़ दिया""
जैसेही मैसेज रीड हुआ कि वाह वाह वाला मैसेज से मोबाइल नहा गया लोटन का भी मिज़ाज गदग्दा गया।
फेर से चरण पकड़ते हुये बोला, चाचा तू परिस्थितियों के मुखिया ही नहीं , परिस्थितियो के बापो हतहु !!
~~Himanshu kumar
7 April 2018